नमस्कार दोस्तों,
आज के मेरे ब्लॉग के टाइटल को पढ़ कर कई सारे मेरे ब्लॉग के दोस्त कहेंगे की ये क्या सलाह दे रहा हैं ? पर ये सच हैं की स्वदेश मत अपनाओ | ये बात समझने के लिए पूरा ब्लॉग जरुर जरुर पड़े |
आज में फिर एक ऐसे विषय पर अपना ब्लॉग लेकर आया हूँ जिस पर अभी देश में बहुत सी बाते हो रही हैं| आज पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा हैं साथ ही साथ विश्वव्यपी मंदी से भी लड़ रहा हैं | इस विश्वव्यपी मंदी में हमारे देश में एक बात अक्सर निकल कर आती हैं की हमें देश को मंदी से उभरने के लिए अपने देश के बने प्रोडक्ट ही खरीदना चाहिए| देश की कंपनियों से ही प्रोडक्ट ख़रीदे| ऑनलाइन ना ख़रीदे | या कोई भी विदेशी प्रोडक्ट ना ख़रीदे| ऐसे कई सारे समाधान आते हैं| पर क्या हम वास्तिविकता देख पा रहे हैं? क्या हम सच में सिर्फ विदेश के प्रोडक्ट ही खरीदते हैं?
चलिए आज हम समझने की कोशिश करते हैं की क्या वाकई हम अपने देश के प्रोडक्ट नहीं खरीदते?
इसे समझते हैं – “ रमेश एक सॉफ्टवेर इंजिनियर हैं जिसने IIT मुंबई से पढाई की है और वो एक मल्टीनेशनल सॉफ्टवेर कंपनी wirpo में काम करता हैं| एक आम इन्सान की तरह ही रमेश की कुछ नियमित दिनचरिया हैं और उस दिन चरिया में वो कौन कौन से प्रोडक्ट या service का उपयोग कर रहा है -
जैसे: 1. रमेश अपने ऑफिस जाने के लिए maruti suziki ciaz कार का उपयोग करता हैं |
2. हर रोज वो अपनी कार में EXTRA PREMIUM पेट्रोल भरवाता है|
3. उसका पेमेंट वो अपने phonepe या paytm या फिर कभी कभी अपने sbi bank के कार्ड से करता हैं |
4. रमेश अपनी फॅमिली का ख्याल भी रखता है और अपने बुजुर्ग पिताजी के लिए SUN PHARMA या CIPLA की ही दवाई खरीदता हैं|
यहाँ पर रमेश की दिन चरिया के बारे में बताना इसलिए जरुरी था की रमेश हर रोज हमारे अपने ही देश के बने प्रोडक्ट और service उपयोग कर रहा हैं| इसलिए नहीं की वो देशी प्रोडक्ट ही खरीदना चाहता हैं बल्कि इसलिए की सभी प्रोडक्ट और उनकी service बहुत बेहतरीन हैं | हाँ, सचाई यही हैं की जब हम कोई सामान खरीदते हैं तो ये नही देखते की वो किस देश का प्रोडक्ट हैं ? वो देश में बना है की विदेश में ? बल्कि प्रोडक्ट की service और क्वालिटी, उसकी कीमत, तुलनात्मक प्रोडक्ट की कीमत देखते है |ये सभी चीज़े एक प्रोडक्ट को लोगो द्वारा खरीदने योग्य बनाते हैं |
आज हम देखता हैं हजारो कारे देश की सडको पर चलती हैं पर क्या सभी कर विदेशी हैं नहीं 60%-70% कार भारत की MARUTI, TATA, महिंद्रा, की हैं |
दो पहिया वाहन में बजाज ,हीरो, tvs पुरे रोड पर कब्ज़ा किये हुए हैं|
ऑनलाइन पैसे ट्रान्सफर करने के लिए PAYTM, PHONEPE पुरे देश को अपने में समाये हुए हैं |
दवा कंपनियो में SUN
PHARMA, DR REDDY, CIPLA पुरे देश को कई सारी बीमारियों से बचाए हुए हैं |
और भी कई प्रोडक्ट कंपनी और service कंपनी हैं जिसके लिए ब्लॉग कम पड़ जायेगा लेकिन
नाम खत्म नहीं होंगे|
असल में समस्या देश या विदेश के बने प्रोडक्ट या service नहीं है समस्या तुलनात्मक बने प्रोडक्ट और service में हैं| जब कोई भी व्यक्ति कोई प्रोडक्ट खरीदता है तो वो ये नही देखता की वो किस देश का बना हैं|
नीचे एक लिस्ट दी गयी हैं
जैसे:
स्मार्टफ़ोन
APPLE IPHONE = ??
VIVO,OPPO = ??
लैपटॉप
DELL= ??
HP= ??
ऑपरेटिंग सिस्टम
WINDOWS = ??
ANDRIOD = ??
सर्च इंजन
GOOGLE = ??
BING = ??
सोशल साईट
FACEBOOK= ??
WHATSAPP= ??
YOUTUBE = ??
TIKTOK = ??
ईमेल
GMAIL = ??
REDIFFMAIL = ??
ऑनलाइन शोपिंग
AMAZON = ??
FLIPKART = ??
इन सभी प्रोडक्ट और service के आगे प्रश्न चिन्ह लगा हैं क्योंकि इन प्रोडक्ट का हमारे पास दूर दूर तक कोई विकल्प नहीं हैं| और भी कई सारे ऐसे प्रोडक्ट हैं जिनका हमारे देश में कोई विकल्प नहीं हैं |जब हम किसी विदेशी प्रोडक्ट को खरीदते हैं या उसका उपयोग करते हैं तो हम उसको तुलनात्मक रूप से देखते हैं|
इसे हम दो उदाहरण से समझते हैं|
दुनिया की सबसे ज्यादा मोबाइल बेचने वाली कंपनी NOKIA भारत में एक समय में बहुत बड़ा नाम था पर आज वो बर्बाद हो गयी इसलिए नहीं की वो देशी कम्पनी थी की विदेशी बल्कि इसलिए की वो तुलनात्मक रूप से दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकी | उसके मोबाइल दुसरे मोबाइल से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सके और NOKIA बर्बाद हो गया
दूसरा उदाहरण हैं MICROMAX कंपनी | ये भी तुलनात्मक रूप से VIVO, OPPO जैसे मोबाइल कम्पनी से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाया|
इन उदाहरण में NOKIA विदेशी कंपनी हैं और MIRCOMAX देशी कम्पनी हैं| दोनों कम्पनी बर्बाद हो गयी| क्योंकि ये दोनों ही कंपनी अपने प्रोडक्ट की service की वजह से बर्बाद हुए ना ही किसी देश विशेष में बने होने की वजह से|
आज समस्या ये नहीं है की हम देशी प्रोडक्ट ख़रीदे या विदेश प्रोडक्ट ना खरीदे|
समस्या हमारे प्रोडक्शन की क्वालिटी में हैं जिसे हम अभी तक ढंकते आ रहे थे और वो आज वैशिक महामारी एवं मंदी में सबके सामने आ गयी | अगर देश को इस वैशिक मंदी से उभारना है तो हमें अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी और service को दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने योग्य बनना होगा| apple कंपनी iphone बनाते समय ये नही सोचती की उसके मोबाइल की कीमत कितनी ज्यादा हैं बल्कि वो तो ये सोचता हैं की मेरा प्रोडक्ट दुनिया का बेस्ट प्रोडक्ट होगा | आज एक देश के पास परमाणु बम है तो दूसरा देश भी परमाणु परीक्षण करता है क्यों ? इसलिए नहीं की वो युद्ध करना चाहता हैं बल्कि इसलिए की वो ये देखना चाहता हैं की वो भी उस देश के बराबर ताकत रखता हैं | और किसी पर आश्रित नहीं हैं | इसी तरह हमारे देश को भी प्रोडक्ट और service को वर्ल्ड क्लास और विश्वव्यपी बनना पड़ेगा | जिसका लोहा पूरी दुनिया माने ताकि हमें अपने देश के प्रोडक्ट खरीदते हुए गर्व हो| | और कह सके की हम एक स्वदेशी नहीं बल्कि एक “ग्लोबल प्रोडक्ट” खरीद रहे हैं |
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Ye to ek dum sahi kaha he apne we only need quality
ReplyDelete🙏
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ReplyDeleteBelow are just my personal views, please don't take it otherwise..
Quality always matter and the reason for survival.. However, if I just look at the current situation which needs to overcome nation economy would require to be prefer purchasing of nation products as much it can. Of course doing this will go down a bit with quality but this is the need of time.
There is a messages going viral nowadays where people of Japan has not buyed the sweet, delicious and better quality of oranges exported from America inspite of the fact that oranges of Japan were not tasty just to show the unity of nation and economy should not fell after Japan America war..
Also, for the product's where we don't have any alternative and they are from other country we need to work on becoming self dependent by working on devolping them also but again it will take time.
Claim: As the U.S. bombed Japan in 1945, Japanese citizens do not buy even a needle from the U.S. today. This is called real patriotism and unity.
DeleteFact: Japan was the fourth largest export market for the U.S. in 2017. Hence the claim made in the post is FALSE.