नमस्कार दोस्तों,
आज फिर मैं अपने ब्लॉग के माध्यम से एक विषय आपके सामने लाया हूँ जिसका जवाब हम अक्सर खोजते हैं कि क्या दौलतमंद लोग गरीबो से ज्यादा समझदार होते हैं ? पर सच्चाई यह है कि “दौलतमंद लोग गरीबो से ज्यादा समझदार नही होते|” जी हाँ यही सच्चाई हैं ! दौलतमंद लोगो को जो बाते अलग करती हैं वो तो हैं बस उनकी धन सम्बन्धी आदते हैं जो गरीबो की आदतों से अलग और ज्यादा मददगार होती हैं| अमीर लोग की एक आदत होती है वो है धन का प्रबंधन| धन का प्रबंधन सबसे लोकप्रिय विषय भले न हो , लेकिन असल मुद्दा यही हैं : वित्तीय सफलता और वित्तीय असफलता के बीच का सबसे बड़ा फर्क यह हैं की आप अपने पैसे का प्रबंधन किस तरह करते हैं| सरल सी बात हैं : पैसे का मालिक बनने के लिए आपको उसका प्रबन्धन करना ही होगा |
गरीब लोग या तो अपने पैसे का बुरा प्रबंधन करते हैं या फिर पैसे के विषय से बिलकुल ही कतराते हैं |बहुत से लोग अपने पैसे का प्रबंधन करना पसंद नहीं करते क्योंकि वे कहते हैं की उनके पास प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त पैसे ही नहीं हैं|
जो लोग इस तरह का तर्क देते हैं की “उनके पास प्रबंधन के लिए पर्याप्त पैसे ही नहीं हैं” दरअसल वो प्रबंधन का नियम ही नहीं जानते हैं |
वो कहते हैं जब मेरे पास बहुत सारा पैसा होगा, तो मैं इसका प्रबंधन शुरू करूँगा, “ जबकि सच्चाई तो बिलकुल इसके उलट हैं ,”जब मैं पैसे का प्रबंधन शुरू करूँगा, तो मेरे पास बहुत सारा पैसा होगा |”
“जब मेरे पास बहुत सारा पैसा होगा ,मैं इसका प्रबंधन शुरू करूँगा “, यह कहना तो वैसा ही हैं जैसे की बांध इंजिनियर कहे की जब पानी इकट्टा होगा तब बांध बनायेंगे| जबकि सच्चाई ये हैं की, “पानी इकट्टा करने के लिए पहले बांध बनाना होगा तब जाकर बांध में पानी इकट्टा होगा|” नहीं तो बरसात का सारा पानी यहाँ वहा ही बह जायेगा इसी प्रकार यदि हम अपने आमदनी के पैसो का सही प्रबंधन नही करते तो वह भी यहाँ वहा ही खर्च हो जायेंगे| तो जिस प्रकार बरसात के पानी को इकट्टा करने के लिए बांध बनाकर पानी का प्रबंधन किया जाता हैं उसी प्रकार पहले अपने पास मौजूद पैसे का उचित प्रबंधन शुरू करें, फिर आपके पास प्रबंधन के लिए ज्यादा पैसा आ जाएगा|
एक उदाहरण से समझते हैं अगर आपका एक दोस्त आपसे आपकी बाइक किसी काम के लिए मांगता है और आप उसे बाइक दे देते हैं , लेकिन वो आपकी बाइक का कही एक्सीडेंट करके नुकसान कर देता हैं आप उस पर अन्दर ही अन्दर गुस्सा करते हैं | लेकिन उसे कुछ बोल नही सकते क्योंकि वो आपका दोस्त हैं आप उसे माफ़ कर देते हैं लेकिन अगर वो अगली बार आपसे आपकी कार मांगता हैं तो क्या आप उसे अपनी कार देंगे? शायद कभी नहीं| क्योंकि जो दोस्त एक बाइक को नही संभल पाया वो आपकी कार को कैसे संभल पायेगा?
यही सभी चीजों के मामले में भी सच हैं, “जब तक आप अपनी पास की चीजों को नहीं संभल सकते हैं , तब तक आपको और ज्यादा नहीं मिलेगा |
यही नियम पैसो के
लिए भी लागू होता हैं| पहले आपको छोटी धनराशि का प्रबंधन करने की आदतें और योग्यताएं
हासिल करनी होगी, तभी आपको बड़ी धनराशि मिलेगी| याद रखें, हम आदतों के गुलाम हैं और
इसलिए पैसे का प्रबंधन करने की आपकी आदत धन की मात्र से ज्यादा महत्वपूर्ण होती
हैं| इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इस वक्त आपके पास ज्यादा पैसा हैं या बहुत कम
पैसा हैं | फर्क तो इस बात से पड़ता हैं कि आप तत्काल अपने पास मौजूद पैसे का
प्रबन्धन करने लगते हैं| पर पैसो के प्रबंधन करते समय एक प्रश्न अक्सर आता हैं कि
“मैं अपने पैसे का प्रबंधन कैसे कर सकता हूँ? जबकि मैं पहले से ही उधार के पैसे पर
जी रहा हूँ| तो इसका जवाब हैं ,कुछ और पैसे उधार लेकर उन पैसो का प्रबंधन करें|
क्योंकि धनराशि महत्वपूर्ण नहीं हैं ;महत्वपूर्ण तो धन प्रबंधन की आदत हैं|
यह राशि रू. 100 हो सकती हैं ,रू. 50 हो सकती हैं , रू. 10 हो सकती हैं या फिर रू. 5 या रू 2 की चिल्लर भी सकती हैं जैसा की ऊपर कहा गया हैं की
“धनराशि महत्वपूर्ण नहीं हैं ;महत्वपूर्ण तो धन प्रबंधन की आदत हैं| “
हम में से ज्यादातर लोग सोंचते हैं कि आमदनी ही सब कुछ हैं | वे मानते हैं कि अमीर बनने के लिए ज्यादा पैसा कमाना पड़ता हैं लेकिन सच्चाई तो यह हैं कि अगर आप पैसो का बुरा प्रबंधन करते हैं तो आप ज्यादा पैसो के मालिक बन ही नही सकते हैं , चाहे आपकी आमदनी कितनी ही क्यों न हो| क्योंकि महत्वपूर्ण सिर्फ यही नहीं हैं कि आप कितना कमाते हैं, महत्वपूर्ण तो ये हैं कि आप आमदनी के साथ करते क्या हैं| मूल बात यह हैं या तो आप पैसे को नियंत्रित करते हैं , या फिर यह आपको नियंत्रित कर लेगा | और पैसे को नियंत्रित करने के लिए आपको इसका प्रबंधन करना ही होगा|
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धन्यवाद|
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Ache prabndhan he
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