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समस्या का आकार


नमस्कार दोस्तों

आज मैं आपको जिन्दगी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक बता रहा हूँ|

हर इन्सान की जिन्दगी में कुछ ना कुछ समस्या तो रहती ही हैं चाहे वो एक विधार्थी हो या फिर नौकरी करता हो | पर कुछ लोग समस्या से डर जाते हैं या हर मान लेते हैं , “तो कुछ लोग समस्या का डट कर सामना करते हैं|”


आज मैं आपको समस्या से सामना करने वालो के बारे में ही बताने जा रहा हूँ की कैसे कुछ लोग बुरे वक्त में भी हर नहीं मानते और समस्या का सामना करके उससे जीत जाते हैं|
समस्या बड़ी या छोटी नही होती है| व्यक्ति का आकर बड़ा और छोटा होता है|
 
जिसे हम एक उदाहारण से समझते है- यदि कोई व्यक्ति है उसे दस हजार रुपए महीना तनख्वाह मिलती है और वो किसी कपड़ो के शोरूम में जाकर दस हजार के सिर्फ कपड़े खरीद ही लेता है तो क्या होगा उसके लिए वो दस खर्च करना ज्यादा है कि कम ? मतलब की उसके लिए पूरे महीने की तनख्वाह खर्च कर देना बड़ी समस्या को जन्म देना है क्योंकि उसने अपने पूरे महीने के तनख्वाह सिर्फ कपड़ो पर ही खर्च कर दी|

उसके लिए ये बड़ी समस्या हो गई पर यदि कोई व्यक्ति है जो पचास हजार रुपए महीना कमाता है और उसके पास बैंक एकाउंट में भी 5-6 लाख रुपए है और वो दस हजार रुपए के कपड़े खरीद लेता है तो क्या उसके लिए ये बड़ी समस्या है| नही ! उसके लिए दस हजार  के कपड़े खरीदना कोई बड़ी समस्या नही होगी| मतलब साफ है कि दोनो ही व्यक्तियों ने दस हजार रुपए के खरीदे कपड़े है पर एक व्यक्ति के लिए वो दस हजार बहुत ज्यादा है और वही दूसरे व्यक्ति के लिए कम है|



सारांश:- जिंदगी में समस्या बड़ी या छोटी नही होती है| बड़ा और छोटा तो व्यक्ति होता है”| तो जब भी कभी आपके सामने कोई बड़ी समस्या आये तो सिर्फ एक बात याद रखना की छोटा मैं हूँ ना की समस्या बड़ी है और हमेशा अपने आपको बड़ा बनाने के लिए प्रयास करे ताकि अगली बार कोई समस्या आपको बड़ी ना लगे |”






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